आज कल टेक्नोलॉजी बढती ही जा रही है. एसे मे बडी-बडी कंपनी़यो को छोडकर किसी कॉलेज के स्टुडेन्ट अगर इतना बडा आविश्कार करदे तो ये आश्चर्य की बात तो होगी. शाहबाद दौलतपुर स्थित दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (डीटीयू) के छात्रों ने 81 किलोमीटर प्रति लीटर की माइलेज से चलने वाली कार बनाकर कार निर्माता कंपनियों को आश्चर्य में डाल
दिया। संस्थान के मैकेनिकल विभाग के द्वितीय और तृतीय वर्ष के 28 छात्रों ने मिलकर इस कार को बनाया है।
इसका प्रदर्शन सिंगापुर में आयोजित सुपर माइल्स इवेंट में किया गया, जिसमें 28 में से सात छात्रों हर्षित आर्य (टीम कैप्टन), भुवन अग्रवाल, जयराज गंभीर, अभय कुमार, समर्थ जैन, नेहल जलाल और अनिरुद्ध ने इसका प्रतिनिधित्व किया। इवेंट में एशिया के कुल 35 टीमों ने हिस्सा लिया था, जिनमें भारत की चार टीमों ने शिरकत की। इवेंट में डीटीयू के छात्रों को 15वां रैंक हासिल हुआ।
छात्रों ने बताया कि इस कार को बनाने में करीब 4-5 लाख रुपये की लागत आई है। कई प्रकार के धातुओं से निर्मित इस कार में ईंधन की खपत कम होगी। साथ ही पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा। छात्रों ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान कार में दृश्यता, हार्न, चौड़ाई, इंजन, सुरक्षा जैसी विभिन्न उपकरणों का निरीक्षण किया जाता है। ये
छात्र रोहिणी, गाजियाबाद, नोएडा और दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों के रहने वाले हैं। इस कार को बनाने में शिक्षक अतुल कुमार अग्रवाल ने भी छात्रों की मदद की है।
दिया। संस्थान के मैकेनिकल विभाग के द्वितीय और तृतीय वर्ष के 28 छात्रों ने मिलकर इस कार को बनाया है।
इसका प्रदर्शन सिंगापुर में आयोजित सुपर माइल्स इवेंट में किया गया, जिसमें 28 में से सात छात्रों हर्षित आर्य (टीम कैप्टन), भुवन अग्रवाल, जयराज गंभीर, अभय कुमार, समर्थ जैन, नेहल जलाल और अनिरुद्ध ने इसका प्रतिनिधित्व किया। इवेंट में एशिया के कुल 35 टीमों ने हिस्सा लिया था, जिनमें भारत की चार टीमों ने शिरकत की। इवेंट में डीटीयू के छात्रों को 15वां रैंक हासिल हुआ।
छात्रों ने बताया कि इस कार को बनाने में करीब 4-5 लाख रुपये की लागत आई है। कई प्रकार के धातुओं से निर्मित इस कार में ईंधन की खपत कम होगी। साथ ही पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा। छात्रों ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान कार में दृश्यता, हार्न, चौड़ाई, इंजन, सुरक्षा जैसी विभिन्न उपकरणों का निरीक्षण किया जाता है। ये
छात्र रोहिणी, गाजियाबाद, नोएडा और दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों के रहने वाले हैं। इस कार को बनाने में शिक्षक अतुल कुमार अग्रवाल ने भी छात्रों की मदद की है।
Manbhawan Pandey