नोटबंदी के बाद से ही भारत को डिजिटल बनाने की ओर कदम बढ़ाए जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो भारत में डिजिटल वॉलेट के बढ़ते चलन को देखकर WhatsApp डिजिटल पेमेंट सेक्टर में आने के बारे में सोच रहा है। इन दिनों WhatsApp में आने वाले नए फीचर को लेकर चर्चाएं काफी जोर-शोर से हो रही हैं। खबरों कि मानें तो WhatsApp UPI बेस्ड डिजिटल पेमेंट सिस्टम लाने की तैयारी कर रहा है, जो डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए बनाया जा रहा है। सुनने में आ रहा है कि ये फीचर इस साल के आखिरी तक लॉन्च हो सकता है।
The Ken की रिपोर्ट के अनुसार, व्हाट्सएप UPI और आधार पेमेंट के क्षेत्र में हेड आॅफ डिजिटल ट्रांजेक्शन के पद की भर्ती के लिए कार्य कर रहा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि व्हाट्सएप में जल्द ही पेमेंट इनेबल मैसेजिंग सर्विस शुरू हो सकती है। व्हाट्सएप की यह नई सर्विस देश में पहले से उपलब्ध पेमेंट सर्विस जैसे कि एंड्रायड पे और एप्पल पे के लिए कड़ी टक्कर साबित हो सकती है। गौरतलब है कि इसी साल व्हाट्सएप के सह-संस्थापक ब्रायन एक्टन ने संकेत दिया था और कहा था कि, "हम भारत में अधिक से अधिक लोगों को निवेश करने में सहायता करना चाहते हैं"।
क्या है UPI बेस्ड डिजिटल पेमेंट सिस्टम?
ध्यान दें कि भारत में पिछले साल काले धन की समस्या से निपटने के लिए और अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सरकार द्वारा नोटबंदी का फैसला लिया गया था। इसके बाद देश में digitalization को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है। नोटबंदी के बाद कैशलैस सुविधा के लिए सरकार ने भीम एप जैसी सर्विस भी पेश की। इसके अलावा कैशलैस सर्विस और digitalization को बढ़ावा देने के लिए कई मोबाइल वॉलेट एप और डिजिटल पेमेंट एप शुरु किए गए। हाल ही में ट्रूकॉलर 8 को एंड्रायड के लिए लॉन्च किया गया। इसमें कई नए फीचर्स दिए गए, जिसमें यूजर्स यूपीआई प्लेटफॉर्म की मदद से ट्रांजेक्शन कर सकते हैं।The Ken की रिपोर्ट के अनुसार, व्हाट्सएप UPI और आधार पेमेंट के क्षेत्र में हेड आॅफ डिजिटल ट्रांजेक्शन के पद की भर्ती के लिए कार्य कर रहा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि व्हाट्सएप में जल्द ही पेमेंट इनेबल मैसेजिंग सर्विस शुरू हो सकती है। व्हाट्सएप की यह नई सर्विस देश में पहले से उपलब्ध पेमेंट सर्विस जैसे कि एंड्रायड पे और एप्पल पे के लिए कड़ी टक्कर साबित हो सकती है। गौरतलब है कि इसी साल व्हाट्सएप के सह-संस्थापक ब्रायन एक्टन ने संकेत दिया था और कहा था कि, "हम भारत में अधिक से अधिक लोगों को निवेश करने में सहायता करना चाहते हैं"।
Manbhawan Pandey